हरियाणा के बेरोजगार युवा अब बन सकेंगे ठेकेदार, सरकार ने शुरू की ‘Contractor Saksham Yuva Scheme’ योजना-जानें क्या है पूरी प्रक्रिया
चंडीगढ़ – हरियाणा सरकार ने प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के इंजीनियरिंग डिग्री और डिप्लोमा धारक युवा सरकारी टेंडर लेकर ठेकेदार बन सकेंगे। इस योजना को ‘ठेकेदार सक्षम युवा’ नाम दिया गया है, जिसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुरू किया था। अब नायब सरकार ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
योजना को नोटिफिकेशन मिल चुका है और इसे राज्य के युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विभाग द्वारा लागू किया गया है। योजना के तहत युवा पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के विकास कार्यों के टेंडर प्राप्त कर सकेंगे। यानी गांवों और शहरों में होने वाले सरकारी निर्माण कार्य अब युवाओं के हाथ में होंगे।
इस योजना का लक्ष्य युवाओं को न केवल ठेकेदारी में मौका देना है, बल्कि उन्हें इसके लिए पूरी तरह प्रशिक्षित भी करना है। सरकार ने इसके लिए लगभग 67 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। पहले चरण में 10,000 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, युवाओं को तीन लाख रुपये तक का ब्याज सहित लोन भी एक साल के लिए मिलेगा ताकि वे आसानी से अपना काम शुरू कर सकें।
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ट्रेनिंग पूरी होने के बाद युवाओं को एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जो उन्हें सरकारी टेंडर प्राप्त करने में मदद करेगा। युवाओं को शुरूआती तौर पर 25 लाख रुपये तक की लागत वाले कार्यों के टेंडर मिलेंगे। उनके अनुभव के आधार पर बाद में यह सीमा बढ़ाई भी जा सकती है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं युवाओं को मिलेगा जो हरियाणा के मूल निवासी हैं और जिनके पास परिवार पहचान पत्र है। इसके अलावा केवल 18 से 40 वर्ष की आयु के युवा ही इस योजना में भाग ले सकेंगे। साथ ही, वे युवा ही पात्र होंगे जिन्होंने Common Eligibility Test (CET) की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त किया हो।
Haryana Engineering Works Portal पर करना होगा रजिस्ट्रेशन
जो युवा इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले Haryana Engineering Works Portal पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यही पोर्टल राज्य में सभी सरकारी निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार है। ट्रेनिंग के बाद युवाओं को इस पोर्टल पर सूचीबद्ध किया जाएगा, जिससे वे टेंडर प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
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शुरुआती दौर में युवाओं को पंचायतों और नगर पालिकाओं के निर्माण कार्यों के टेंडर मिलेंगे। बाद में उनके अनुभव और प्रदर्शन को देखते हुए अन्य विभागों के कार्यों में भी शामिल होने का मौका दिया जाएगा।
सरकार की यह योजना न केवल बेरोजगारों को रोज़गार देगी, बल्कि उन्हें उद्यमी बनाने की दिशा में भी एक मजबूत प्रयास है।