जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पंजाब में पेश हुआ सख्त प्रस्ताव, विधानसभा में उठा मुद्दा
पंजाब में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी है। पंजाब विधानसभा में एक कड़ा प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसके मुताबिक अब दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों को सरकारी नौकरी, चुनाव लड़ने और वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है। नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बावा हैनरी ने इस “पॉपुलेशन कंट्रोल बिल 2025” का मसौदा विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा को सौंपा और इसे सामाजिक आंदोलन के रूप में अपनाने की अपील की।
दो से अधिक बच्चों पर कठोर प्रतिबंध की मांग
इस प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि जिन दंपतियों के दो से ज्यादा बच्चे हैं, उन पर कई तरह की कानूनी और प्रशासनिक पाबंदियां लगाई जाएं। इनमें 10 लाख रुपये तक का जुर्माना, मतदान का अधिकार खत्म करना, सरकारी नौकरियों से प्रतिबंध और चुनाव में हिस्सा लेने पर रोक जैसी कड़ी सिफारिशें शामिल हैं। विधायक का कहना है कि देश की बढ़ती आबादी संसाधनों पर बोझ बनती जा रही है और इस पर अब ठोस कार्रवाई की जरूरत है।
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गरीबों को इंसेंटिव, मिडल क्लास को सब्सिडी का प्रस्ताव
बावा हैनरी ने यह भी सुझाव दिया कि जो BPL परिवार दो बच्चों की नीति का पालन करेंगे, उन्हें नकद प्रोत्साहन दिया जाए। इसके अलावा सामान्य वर्ग के लोगों को टैक्स में छूट, सब्सिडी और आसान लोन देकर छोटे परिवारों के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि सिर्फ सख्ती नहीं, बल्कि आर्थिक प्रोत्साहन भी जरूरी है ताकि नीति सभी वर्गों के लिए व्यवहारिक हो।
भारत में बढ़ती जनसंख्या का खतरा और आंकड़े
बिल में इस बात पर भी जोर दिया गया कि भारत की भूमि विश्व की कुल ज़मीन का सिर्फ 2.3% है, जबकि यहां 17% से अधिक आबादी रहती है। ऐसे में संसाधनों और सुविधाओं का संतुलन बिगड़ना स्वाभाविक है। विधायक ने कहा कि इस असंतुलन का असर स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
पंजाब की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता
बावा हैनरी ने चेतावनी दी कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। युवाओं का तेजी से विदेश पलायन इसी का प्रमाण है। उन्होंने इसे “फ्यूचर कोलैप्स” की ओर बढ़ता खतरा बताया और कहा कि यदि समय रहते फैसला नहीं लिया गया, तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा।
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सड़कों और लाइट से नहीं, जागरूकता से आता है असली विकास
विधायक ने कहा कि सरकारों को यह समझना होगा कि असली विकास सिर्फ सड़कों और इमारतों से नहीं होता, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों और जागरूकता से होता है। उन्होंने कहा कि यदि आने वाली पीढ़ियों को हम स्वच्छ हवा, पीने का पानी और सुरक्षित माहौल नहीं दे पाए, तो हमारी विकास योजनाएं बेमानी होंगी।
“पॉपुलेशन कंट्रोल बिल” को जन आंदोलन का रूप देने की अपील
बावा हैनरी ने इस प्रस्ताव को राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दा बताया। उन्होंने सभी विधायकों और आम जनता से अपील की कि इसे एक जन आंदोलन के रूप में अपनाया जाए। उनका कहना है कि देश के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण अनिवार्य है।
यदि अब नहीं जागे, तो आने वाला समय बेहद कठिन होगा
विधायक ने अंत में चेतावनी दी कि अगर अब भी दो बच्चों की नीति नहीं अपनाई गई, तो अगले कुछ वर्षों में संसाधनों की कमी और सामाजिक असंतुलन और ज्यादा गंभीर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार की नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह जनसंख्या नियंत्रण में योगदान दे और देश को स्थायी विकास की दिशा में ले जाए।