Loan: अब बिना ब्याज के मिलेगा ₹5 लाख तक का लोन, जानिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया

₹5 लाख तक का बिना ब्याज लोन मंजूर – केंद्र सरकार की नई योजना से मुमकिन हुआ बड़ा बदलाव!

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस स्कीम के तहत अब महिलाओं को 1 लाख से 5 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी ब्याज के दिया जा रहा है।इस स्कीम का नाम है ‘लखपति दीदी योजना’, और इसका मकसद है महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना।सरकार चाहती है कि हर महिला साल में कम से कम ₹1 लाख तक की कमाई कर सके। इसके लिए उन्हें ब्याज-मुक्त लोन के साथ साथ ट्रेनिंग और बिजनेस गाइडेंस भी मिलेगा।

कितना मिलेगा लोन और क्या होगी शर्तें?

सरकार की इस स्कीम में पात्र आवेदकों को ₹1 लाख से ₹5 लाख तक तक का लोन दिया जाएगा, वह भी पूरी तरह ब्याज-मुक्त। इस स्कीम से लाभ लेने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे कुछ खास पात्रता शर्तें पूरी करते हों। इसमें सबसे ज़रूरी यह है कि-

  • महिला का भारतीय नागरिक होना।
  • परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से कम होनी चाहिए।
  • परिवार के किसी सदस्य के पास सरकारी नौकरी नहीं होनी चाहिए।
  • आवेदक महिला का स्वयं सहायता समूह से जुड़ा होना आवश्यक है।

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कैसे करें आवेदन?

सरकार की ये स्कीम हर उस महिला के लिए है जो कुछ कर दिखाना चाहती है:

  1. SHG से जुड़ें: सबसे पहले महिला को किसी स्वयं सहायता समूह का हिस्सा बनें।
  2. बिजनेस प्लान बनाएं: किस तरह का काम करना है, इसकी योजना बनाएं।
  3. बैंक या विभाग में आवेदन करें: नजदीकी बैंक, महिला एवं बाल विकास विभाग या SHG ऑफिस में जाकर फॉर्म लें।
  4. दस्तावेज़ जमा करें: जैसे आधार कार्ड, पैन, आय प्रमाण, फोटो, बैंक डिटेल्स आदि।

आवेदन प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें।

योजना से महिलाओं को क्या लाभ होंगे?

इस योजना के तहत बिना किसी ब्याज के लोन प्रदान किया जाता है, जिससे पात्र लाभार्थियों को आर्थिक रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। यह पहल छोटे स्तर पर स्वरोजगार शुरू करने वालों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जहां लाभार्थी सिलाई, ब्यूटी पार्लर, खाद्य उत्पाद निर्माण जैसे विभिन्न छोटे व्यवसायों की शुरुआत कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत केवल वित्तीय सहायता ही नहीं दी जाती, बल्कि इससे जुड़े लोगों को कृषि, पशुपालन, सिलाई जैसे कार्यों में आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में प्रेरित करना है।

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