Axiom-4: भारत का दूसरा मानव Mission अंतरिक्ष में, जानिए Objective और किस दिशा में हो रहा है Research

Axiom-4: भारत का अंतरिक्ष में दूसरा मानव मिशन सफल, शुभांशु शुक्ला के नेतृत्व में शुरू हुआ वैज्ञानिक अभियान

नई दिल्ली — भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। 25 जून 2025 को दोपहर 12:01 बजे IST, अमेरिकी अंतरिक्ष केंद्र NASA के Kennedy Space Center से Axiom-4 मिशन ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इस मिशन के जरिए भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भेजे गए, जो अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन चुके हैं। वे 1984 में सोवियत मिशन से अंतरिक्ष में गए राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक भी हैं।

यह मिशन भारत का दूसरा मानव मिशन है, और पहला ऐसा प्रयास है जिसमें भारत की वैज्ञानिक भागीदारी वैश्विक स्तर पर निर्णायक रूप में दर्ज हुई है। यह उड़ान न केवल भारत, बल्कि हंगरी और पोलैंड के लिए भी ऐतिहासिक है, जिन्होंने चार दशक बाद अंतरिक्ष में अपने प्रतिनिधि भेजे हैं।

Mission Objective: Scientific Research and Global Collaboration

Axiom-4 मिशन का प्रमुख उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी है। यह मिशन NASA, Axiom Space और SpaceX के संयुक्त प्रयास से संचालित किया जा रहा है। SpaceX का Falcon 9 रॉकेट और नया Crew Dragon ‘Grace’ कैप्सूल इस उड़ान के लिए उपयोग किए गए हैं।

चार सदस्यीय टीम में भारत के शुभांशु शुक्ला के साथ मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन (USA), मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोस उज़नांस्की-विस्निवेस्की (Poland) और टिबोर कापू (Hungary) शामिल हैं।

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Indian Experiments Onboard: Focus on Microgravity and Life Sciences

मिशन की सबसे खास बात यह है कि शुभांशु शुक्ला भारत द्वारा डिज़ाइन किए गए 7 वैज्ञानिक प्रयोग ISS पर करेंगे। इनमें शामिल हैं:

  • बीजों पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव
  • शैवाल की संरचना और व्यवहार
  • मानव शारीरिक प्रक्रियाओं पर माइक्रोग्रैविटी का असर

इन प्रयोगों का उद्देश्य यह समझना है कि अंतरिक्ष में जैविक और भौतिक प्रक्रियाएं किस प्रकार काम करती हैं, और कैसे यह जानकारी भविष्य के दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों, गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण में सहायक हो सकती है।

Mission Timeline: Launch to Docking and Return

  • लॉन्च: 25 जून 2025, 12:01 PM IST
  • डॉकिंग (ISS से जुड़ाव): 26 जून 2025, 4:30 PM IST
  • मिशन अवधि: लगभग 14 दिन
  • रिटर्न: जुलाई 2025 की शुरुआत में, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी

शुभांशु और उनकी टीम पृथ्वी की कक्षा में प्रतिदिन लगभग 16 बार चक्कर लगाते हुए, ISS पर अनुसंधान कार्य को अंजाम देंगे।

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Strategic Importance: A Step Towards Gaganyaan and Beyond

यह मिशन केवल तकनीकी नहीं, राजनयिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी भारत की अंतरिक्ष नीति में मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन को “भारत की वैज्ञानिक शक्ति और आत्मनिर्भर अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्रतीक” बताया। शुभांशु ने अपने पहले संदेश में कहा, “यह मेरी नहीं, भारत की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत है।”

भारत इस मिशन को गगनयान 2027 और भविष्य में स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन की नींव के रूप में देख रहा है।

SpaceX’s Contribution: Grace Capsule’s Maiden Voyage

Axiom-4 मिशन में SpaceX का नया Crew Dragon कैप्सूल ‘Grace’ पहली बार लॉन्च किया गया। यह कंपनी के Endeavour, Resilience, Endurance और Freedom जैसे पूर्व मॉडलों के बाद पांचवां और अंतिम कैप्सूल है। यह अंतरिक्ष यान SpaceX के आगामी Starship युग की ओर बढ़ते कदम का भी संकेत है।

Conclusion: A Mission That Inspires Generations

Axiom-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक और वैज्ञानिक सफलता का ठोस उदाहरण है। यह मिशन भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर नेतृत्वकारी भूमिका में लाने की दिशा में एक अहम कड़ी है। शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए प्रेरणा और दिशा दोनों है।

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