दिल्ली यूनिवर्सिटी में अब पढ़ाया जाएगा ‘भारतीय इतिहास में सिख शहादत’ का कोर्स, छात्रों को मिलेगा सिख बलिदान का गहराई से ज्ञान
नई दिल्ली – दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने इस बार स्नातक छात्रों के लिए एक अहम और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब यूनिवर्सिटी में ‘भारतीय इतिहास में सिख शहादत (1500-1765)’ विषय को जनरल इलेक्टिव कोर्स के रूप में पढ़ाया जाएगा। इसे DU की अकादमिक काउंसिल की स्थायी समिति की हाल ही में हुई बैठक में मंजूरी दी गई है।
यह कोर्स 4 क्रेडिट का होगा और इसे किसी भी संकाय के स्नातक छात्र पढ़ सकते हैं। इस कोर्स को जनरल इलेक्टिव कैटेगरी में रखा गया है, यानी यह विषय छात्र अपनी मुख्य पढ़ाई के साथ-साथ चुन सकते हैं। इसका मकसद सिख समुदाय के बलिदान, संघर्ष और ऐतिहासिक योगदान को छात्रों तक पहुंचाना है।
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डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इस नई पहल की सराहना करते हुए स्वतंत्रता और विभाजन अध्ययन केंद्र (CIPS) को इस कोर्स को तैयार करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह विषय न सिर्फ सिख इतिहास बल्कि भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो आने वाली पीढ़ियों को अपने देश के असली नायकों की जानकारी देगा।
डीयू प्रशासन ने जानकारी दी है कि नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 1 अगस्त से होगी और इसी सत्र से यह कोर्स भी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की यह पहल सिख इतिहास को सम्मान देने और छात्रों में देश के इतिहास को लेकर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है। इसके ज़रिए छात्र 1500 से 1765 तक की उस ऐतिहासिक यात्रा को समझ पाएंगे जिसमें सिख गुरुओं और योद्धाओं ने अपने धर्म, देश और इंसानियत की रक्षा के लिए बलिदान दिया था।
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