तीन दिन तक बंद रहेंगी बसें, बढ़ेगी लोगों की परेशानी,जानें क्यों?
चंडीगढ़ – पंजाब में आज से बस सेवाएं ठप हो गई हैं। पंजाब रोडवेज, PRTC और पनबस के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की यूनियनों ने 9 जुलाई से 11 जुलाई तक तीन दिन की हड़ताल का ऐलान किया है। इससे आम यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन लोगों को जो रोजाना बस से सफर करते हैं।
पीआरटीसी, पंजाब रोडवेज और पनबस कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के अलावा कांट्रैक्ट पीआरटीसी वर्कर्स यूनियन (आजाद 31/2007) भी इस हड़ताल में शामिल है। यूनियनों की तरफ से कहा गया है कि यह हड़ताल केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के खिलाफ है। यूनियन नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो चार नए लेबर कोड बनाए हैं, वे श्रमिकों के हित में नहीं हैं और उन्हें लागू नहीं किया जाना चाहिए। इस हड़ताल का आह्वान देशभर की ट्रेड यूनियनों ने किया है।
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क्या है हड़ताल की वजह?
कांट्रैक्ट पीआरटीसी वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मनजिंद्र कुमार बब्बू शर्मा ने जानकारी दी कि यह विरोध प्रदर्शन पंजाब सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में है। उन्होंने बताया कि मई महीने में भी ऐसी ही एक हड़ताल बुलाई गई थी, लेकिन कुछ कारणों से उसे स्थगित करना पड़ा। अब केंद्र सरकार की ओर से चारों लेबर कोड लागू करने की तैयारी कर ली गई है, इसलिए यूनियनों ने फिर से देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
वहीं दूसरी ओर पंजाब रोडवेज और पनबस कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के पंजाब अध्यक्ष रेशम सिंह का कहना है कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। इसके विरोध में वे बस अड्डों और डिपुओं के बाहर प्रदर्शन करेंगे और 10 जुलाई को मुख्यमंत्री के निवास का घेराव किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने बातचीत नहीं की तो हड़ताल को अनिश्चितकाल तक बढ़ा दिया जाएगा।
यात्रियों की परेशानी को देखते हुए तैयारी में जुटा विभाग
हड़ताल के बीच यात्रियों को परेशानी से बचाने के लिए पीआरटीसी प्रबंधन ने अपने स्थायी कर्मचारियों की बैठक बुलाई है। मंगलवार को हुई इस बैठक में यह तय किया गया कि बुधवार सुबह से लंबी दूरी की बसें निर्धारित समय पर चलाई जाएंगी। हालांकि अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि दिन के समय कितनी बसें चलेंगी, लेकिन यह जरूर कहा कि ज्यादा से ज्यादा रूटों पर सेवा बहाल रखने की कोशिश की जाएगी।
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डिपो स्तर पर स्थायी कर्मचारियों को अलग-अलग रूटों की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि यात्रियों को कम से कम दिक्कत हो। सुबह 7 बजे के बाद लंबी दूरी की बजाय राज्य के अंदरूनी रूटों पर बसें चलाई जाएंगी।
लंबी खींच सकती है हड़ताल?
अगर सरकार और यूनियनों के बीच बातचीत नहीं हुई तो यह हड़ताल लंबी भी चल सकती है। हड़ताल से पहले ही चेतावनी दी गई है कि अगर सरकार बातचीत के लिए नहीं आई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो सकती है। इससे पूरे पंजाब में यातायात व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है और आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
इस हड़ताल का असर सिर्फ बस सेवाओं पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि स्कूल-कॉलेज, ऑफिस और दूसरी जरूरी जगहों पर जाने वाले यात्रियों को भी काफी दिक्कत होगी। ऐसे में देखना होगा कि सरकार और यूनियन के बीच बातचीत कब और कैसे होती है।