Haryana Ration Card: हरियाणा में राशन कार्ड धारकों को बड़ा झटका, हजारों कार्ड एक साथ होंगे रद्द-अब इन लोगों के कटेंगे CARD

हरियाणा में राशन कार्ड धारकों को बड़ा झटका, हजारों कार्ड जुलाई में होंगे रद्द – जानिए क्या है वजह

चंडीगढ़ – हरियाणा सरकार ने राशन कार्ड प्रणाली में बड़ी कार्रवाई करते हुए जुलाई 2025 में राज्यभर के 1,17,361 राशन कार्ड रद्द करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें 2,727 कार्ड अंत्योदय अन्न योजना (AAY) और 1,14,634 कार्ड BPL (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के हैं। सरकार का दावा है कि इन कार्डों को परिवार पहचान पत्र (PPP) में गलत जानकारी देकर बनवाया गया था। अब ऐसे फर्जी लाभार्थियों की पहचान की जा रही है और उन्हें अपात्र घोषित किया जा रहा है।

गलत मैपिंग से बढ़ी दिक्कत, असली जरूरतमंद भी हो रहे परेशान

राज्य के कई जिलों में विभागीय कार्यालयों में लगातार शिकायतें दर्ज हो रही हैं कि गलत मैपिंग के कारण असली जरूरतमंद लोगों के भी राशन कार्ड रद्द हो रहे हैं। कई दिहाड़ी मजदूरों और कम आय वाले परिवारों का PPP डाटा गलत दिखा रहा है, जिसमें लग्जरी गाड़ियों और आलीशान कोठियों की जानकारी जुड़ गई है। इसी वजह से वे अपात्र मान लिए गए हैं, जबकि उनकी असल आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है।

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क्रीड (CREED) कर रहा है फर्जीवाड़े की जांच

राशन कार्ड में फर्जीवाड़े की जांच राज्य सरकार के क्रीड (CREED) विभाग द्वारा की जा रही है। इस जांच में उन लोगों की पहचान की जा रही है जिन्होंने अपनी असल आय और संपत्ति छुपाकर गरीबों की श्रेणी में नाम दर्ज करवा लिया था। अब इस आधार पर कार्ड कैंसल किए जा रहे हैं और सूची फूड एंड सप्लाई विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है।

राशन कार्ड से मिलती हैं ये बड़ी सुविधाएं

AAY और BPL कार्ड धारकों को केंद्र सरकार की तरफ से हर महीने प्रति सदस्य 5 किलो गेहूं मुफ्त मिलता है। इसके अलावा कार्ड धारकों को 1 किलो चीनी केवल ₹13.50 में और 2 लीटर सरसों का तेल ₹40 में उपलब्ध कराया जाता है। यही वजह है कि लाखों परिवारों के लिए यह कार्ड आर्थिक सहारा बनता है।

डिपो संचालकों की भी चिंता

पानीपत डिपो एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ने बताया कि विभागीय गड़बड़ियों के कारण कई ऐसे लोगों के कार्ड भी रद्द हो रहे हैं, जो वास्तव में पात्र हैं। उन्होंने कहा कि रोजाना डिपो पर ऐसे लोगों की भीड़ उमड़ रही है, जिन्हें अपना कार्ड बचाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि गलत मैपिंग वाले मामलों की दोबारा निष्पक्ष जांच करवाई जाए।

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सरकार की सफाई और अपील

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी शिकायतों की जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाती है। अगर किसी को लगता है कि उनका कार्ड गलत तरीके से रद्द हुआ है, तो वे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपील कर सकते हैं। जांच रिपोर्ट हेड ऑफिस भेजी जाती है और प्रक्रिया में लगभग दो महीने लग सकते हैं।

हरियाणा सरकार की यह कार्रवाई ईमानदार व्यवस्था को लागू करने की दिशा में बड़ा कदम है। लेकिन अगर गलत मैपिंग जैसी तकनीकी गड़बड़ियां दूर नहीं की गईं, तो इससे गरीब और असहाय लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। जरूरत है कि सरकार तकनीकी खामियों को जल्द दूर करे और हर पात्र व्यक्ति को उसका हक सुनिश्चित करे।

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