ITR Return खत्म! अब बिना रिटर्न भरे सीधे मिलेगा टैक्स रिफंड
नई दिल्ली – अब अगर आपकी आमदनी टैक्स योग्य सीमा से कम है और फिर भी बैंक या नौकरी से TDS कट गया है, तो आपको ITR भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार एक नया सिस्टम ला रही है जिसमें सिर्फ एक सरल फॉर्म से ही रिफंड क्लेम किया जा सकेगा।
1 अप्रैल 2026 से लागू हो सकता है नया सिस्टम
Income Tax Bill 2025 को संसद में 13 फरवरी को पेश किया गया था और इसे 1 अप्रैल 2026 से लागू करने की तैयारी है। इस पर बनी सेलेक्ट कमेटी ने सुझाव दिया है कि टैक्स न देने वालों के लिए ITR भरने की बाध्यता को खत्म किया जाए ताकि उन्हें फालतू की कानूनी परेशानी से बचाया जा सके।
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फॉर्म 26AS से लिंक होगा नया प्रोसेस
CBDT एक नया सिस्टम बना रहा है जो फॉर्म 26AS से लिंक होगा। इसमें ITR की जगह एक आसान फॉर्म से ही Refund Claim किया जा सकेगा। फॉर्म 26AS में टैक्स कटौती और कलेक्शन की पूरी जानकारी होती है।
मौजूदा सिस्टम से कैसे अलग होगा नया नियम?
फिलहाल अगर आपकी आमदनी टैक्स के दायरे में नहीं आती और फिर भी बैंक ब्याज या सैलरी से TDS कटता है, तो आपको ITR भरना जरूरी होता है। देरी होने पर Panelty भी लगती है। नया नियम इस झंझट को खत्म कर देगा।
मान लीजिए किसी की सालाना सैलरी ₹12.75 लाख है लेकिन उसने टैक्स छूट से जुड़े डॉक्यूमेंट नहीं दिए, तो नियोक्ता TDS काटता है। अब रिफंड पाने के लिए उसे ITR भरना पड़ता है। नया नियम इस प्रक्रिया को आसान बना देगा।
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डिजिटल डिवाइस तक पहुंच और टैक्स ऑडिट में भी बदलाव
Income Tax Bill 2025 में टैक्स अधिकारियों को डिजिटल डिवाइस तक पहुंच की अनुमति देने का प्रावधान जोड़ा गया है। हालांकि, कमेटी ने जवाबदेही तय करने की बात कही है। टैक्स ऑडिट का अधिकार अब सिर्फ CAs को ही रहेगा।
NRI टैक्सपेयर्स को भी बड़ी राहत
भारत में लायजन ऑफिस रखने वाले एनआरआई को अब जानकारी देने के लिए 60 दिन की बजाय 8 महीने का समय मिलेगा। यह बदलाव उन्हें डॉक्यूमेंटेशन के झंझट से राहत देगा।
टैक्स सिस्टम होगा आसान, छोटे टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत
सरकार का यह कदम छोटे टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी राहत है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो 2026 से रिफंड के लिए ITR भरने की बाध्यता खत्म हो जाएगी और सिर्फ एक सरल फॉर्म से रिफंड मिल सकेगा।