अब ATM से मिलेगा राशन! बदल गया राशन लेने का तरीका, बस लगाएं अंगूठा और ले जाएं अनाज
नई दिल्ली – राशन लेने के लिए अब लोगों को घंटों तक दुकानों के बाहर लंबी लाइन में खड़े रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार ने देशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को स्मार्ट बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल का नाम है – अन्नपूर्ति एटीएम (Annapurti ATM)। यह तकनीक आधारित मशीन बिल्कुल बैंक के एटीएम की तरह काम करती है, लेकिन इसमें पैसे नहीं बल्कि अनाज जैसे गेहूं, चावल और चीनी निकलते हैं।
सरकार का उद्देश्य है कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राशन आसानी से और पारदर्शिता के साथ मिले। इस मशीन के जरिए लाभार्थी बिना किसी बिचौलिए और परेशानी के सीधे अपने हिस्से का राशन खुद निकाल सकता है।
कैसे काम करता है अन्नपूर्ति एटीएम?
इस मशीन को खास डिजिटल तकनीक से तैयार किया गया है। लाभार्थी को सिर्फ अपना राशन कार्ड नंबर डालना होता है या फिर अंगूठा लगाकर बायोमेट्रिक पहचान करनी होती है। इसके बाद मशीन की स्क्रीन पर से वह अपनी जरूरत का अनाज चुनता है। फिर मशीन तय मात्रा में गेहूं, चावल या चीनी को डिस्पेंस करती है। वितरण के बाद रसीद भी मिलती है जिसमें पूरी जानकारी दर्ज होती है।
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5 मिनट में मिलेगा 50 किलो तक अनाज
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार, अन्नपूर्ति एटीएम मात्र 5 मिनट में 50 किलो तक अनाज बांट सकता है। परंपरागत राशन दुकानों की तुलना में यह 70% तक समय की बचत करता है। साथ ही, इसमें अनाज की तोल में गड़बड़ी या चोरी की गुंजाइश भी नहीं रहती।
पुरानी समस्याओं का डिजिटल समाधान
देशभर में 5 लाख से ज्यादा राशन की दुकानें हैं, जहां अक्सर तोल में गड़बड़ी, अनाज की बर्बादी और स्टॉक में गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं। कई बार स्टोर में रखे अनाज को चूहे भी खराब कर देते हैं। अन्नपूर्ति एटीएम इन सभी समस्याओं से निपटने का एक मजबूत और पारदर्शी उपाय बनकर सामने आया है। यह मशीन लोहे की बनी होती है और पूरी तरह से स्वचालित होती है, जिससे इंसानी दखल बेहद कम हो जाता है।
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कहां और कैसे मिलेगा यह ATM?
इस योजना की शुरुआत सबसे पहले ओडिशा में की गई थी। अब केंद्र सरकार इसे देश के बाकी राज्यों में भी लागू कर रही है। लोग अपने इलाके में यह मशीन उपलब्ध है या नहीं, इसकी जानकारी कई तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं:
- ‘मेरा राशन 2.0’ मोबाइल ऐप के जरिए
- अपने ब्लॉक या जिला खाद्य कार्यालय से संपर्क करके
- राज्य के टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके
सरकार का मानना है कि यह पहल गरीबों को उनका हक समय पर और ईमानदारी से दिलाने में मददगार साबित होगी। आने वाले दिनों में यह तकनीक देशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की तस्वीर बदल सकती है।