शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने दी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग की सौगात
पंचकूला – हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों को बड़ी राहत दी है। अब उन्हें IIT, NDA और अन्य राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग दी जाएगी। यह कोचिंग सरकारी स्कूलों के चुनिंदा ब्लॉकों में शुरू की जाएगी और इसमें स्कूल के बेहतरीन शिक्षकों की मदद ली जाएगी। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में यह अहम फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के छात्र भी किसी से कम नहीं हैं और उन्हें समान अवसर दिए जाने चाहिए ताकि वे जीवन में आगे बढ़ सकें। इस योजना को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ ब्लॉकों में शुरू किया जाएगा। यदि यह सफल रहा, तो पूरे राज्य में इसे लागू किया जाएगा। इस पहल का मकसद यह है कि सरकारी स्कूलों के छात्रों को कोचिंग सेंटर पर निर्भर न रहना पड़े और वे अपने ही स्कूल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें।
PTM से होगी पढ़ाई की निगरानी, खेल सामग्री पर भी दिया जाएगा विशेष ध्यान
शिक्षा मंत्री ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तर्ज पर नियमित रूप से अभिभावक-शिक्षक बैठकें (PTM) आयोजित की जाएं। इससे अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई और प्रगति की सही जानकारी मिलेगी और वे अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभा पाएंगे। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में खेल सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए।
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उन्होंने साफ किया कि जो शिक्षक खेल सामग्री के सही उपयोग में लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खेलों में रुचि रखने वाले छात्रों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिलना चाहिए।
शिक्षा विभाग में हिंदी को मिलेगा सम्मान, मिड-डे मील को बताया देश में सर्वश्रेष्ठ
मंत्री महिपाल ढांडा ने यह भी कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हरियाणा एक हिंदी भाषी राज्य है, इसलिए शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में हिंदी का प्रयोग अनिवार्य किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस नियम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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उन्होंने मिड-डे मील योजना की भी सराहना की और कहा कि हरियाणा देश में इस योजना को लागू करने में पहले स्थान पर है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बच्चों को समय पर और पोषणयुक्त भोजन दिया जाए, ताकि उनके स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों पर सकारात्मक असर पड़े।
यह फैसला हरियाणा सरकार की शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इससे न केवल सरकारी स्कूलों की छवि सुधरेगी, बल्कि छात्रों को भी बड़े सपने देखने और उन्हें हासिल करने का अवसर मिलेगा।