66 लाख राशन कार्डधारकों की बढ़ी टेंशन, आज कट सकता है राशन कार्ड से नाम Ration card e-KYC

आज रात के बाद राशन कार्ड से कट जाएगा नाम! 66 लाख लोग हो सकते हैं योजना से बाहर

रांची – झारखंड में सरकारी राशन लेने वाले लाखों परिवारों के लिए 30 जून का दिन बेहद निर्णायक है। राज्य सरकार ने राशन कार्ड से जुड़े ई-केवाईसी को लेकर सख्त फैसला लेते हुए साफ कर दिया है कि आज के बाद जिन लाभार्थियों का आधार सत्यापन पूरा नहीं होगा, उनका नाम राशन कार्ड से हटाया जा सकता है।

पिछले कुछ महीनों में केंद्र सरकार ने ई-केवाईसी की समयसीमा सात बार बढ़ाई, ताकि सभी लाभार्थियों को पर्याप्त समय मिल सके, लेकिन अब इस प्रक्रिया की अंतिम तारीख आगे नहीं बढ़ेगी। केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि 30 जून तक आधार सत्यापन पूरा करें, अन्यथा संबंधित कार्डधारियों को मिलने वाली सब्सिडी बंद कर दी जाएगी।

झारखंड में कुल 2.63 करोड़ राशन कार्डधारी सदस्य हैं। इनमें से 66,62,411 लाभार्थियों का ई-केवाईसी अब तक पूरा नहीं हुआ है। यह संख्या राज्य के कुल राशन लाभार्थियों का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का अधूरा सत्यापन न केवल सरकार के लिए चुनौती है, बल्कि आने वाले समय में लाखों गरीब परिवारों के लिए संकट भी बन सकता है।

राज्य सरकार का उद्देश्य इस प्रक्रिया के माध्यम से फर्जी कार्डधारियों की पहचान कर उन्हें सिस्टम से बाहर करना है। ताकि वास्तविक और जरूरतमंद परिवारों को ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मुफ्त या रियायती राशन मिल सके। लेकिन इस मुहिम को लागू करने में कई तकनीकी बाधाएं सामने आ रही हैं।

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ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में ई-पॉश मशीनों की धीमी गति, टू-जी नेटवर्क की खराब स्थिति और इंटरनेट की अनुपलब्धता जैसी समस्याएं सत्यापन की गति को प्रभावित कर रही हैं। कई लाभार्थियों को डीलरों के पास बार-बार जाना पड़ रहा है, लेकिन मशीनें सही से काम नहीं कर रहीं या नेटवर्क बाधित हो रहा है। नतीजा – घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद ई-केवाईसी पूरा नहीं हो पा रहा।

डीलरों को ई-केवाईसी कराने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते वे भी लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। सरकार के पास इतना समय नहीं है कि वह फिर से डेडलाइन बढ़ाए, इसलिए जिन लोगों का सत्यापन आज के दिन खत्म नहीं होता, उन्हें राशन से वंचित किया जा सकता है।

एक और गंभीर समस्या यह है कि कई इलाकों में अभी तक लोग इस प्रक्रिया और उसकी अनिवार्यता के बारे में जागरूक नहीं हैं। प्रचार-प्रसार की कमी और तकनीकी सहायता की अनुपलब्धता के चलते लाखों लोग अब भी अनजान हैं कि उनका राशन कार्ड खतरे में है। सरकार की सूचना प्रणाली की यह खामी अब सीधा असर आम आदमी की थाली पर डाल सकती है।

ई-केवाईसी एक डिजिटल सत्यापन प्रक्रिया है, जिसमें लाभार्थियों की पहचान आधार कार्ड के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उसी व्यक्ति को मिले जो उसका हकदार है और कोई दूसरा उसका दुरुपयोग न कर सके।

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आज रात 12 बजे के बाद जिन लाभार्थियों का आधार लिंक ई-केवाईसी पूरा नहीं होगा, उन्हें अगली बार से राशन नहीं मिलेगा। इस आदेश का असर झारखंड के हर गांव और कस्बे में देखा जा सकता है, जहां लाखों गरीब परिवार सरकारी राशन पर ही निर्भर हैं। यदि नाम कटता है, तो इन परिवारों को खाने के संकट का सामना करना पड़ सकता है।

यह फैसला एक ओर सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता और नियंत्रण लाने की कोशिश है, लेकिन दूसरी ओर गरीबों के लिए एक बड़ी चेतावनी भी। ऐसे में जिन लोगों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, उनके पास अब सिर्फ कुछ घंटे बचे हैं। इसके बाद उनका नाम सूची से हट सकता है और फिर उन्हें राशन के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।

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