पंजाब में फ्री बस सेवा पर बड़ा फैसला: अब नहीं चलेगा आधार कार्ड!
चंडीगढ़-पंजाब सरकार द्वारा महिलाओं को दी जा रही Free Bus सेवा में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सरकार ने अब आधार कार्ड की जगह नया पहचान सिस्टम लागू करने की तैयारी कर ली है। वजह है – नकली आधार कार्ड के ज़रिए इस सुविधा का गलत फायदा उठाया जाना।
नकली आधार कार्ड से फ्री यात्रा का खुलासा
पंजाब में इस समय करीब 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं मुफ्त बस सेवा का लाभ ले रही हैं। लेकिन हाल के दिनों में फर्जी आधार कार्ड के ज़रिए इस स्कीम का गलत इस्तेमाल सामने आया है। पंजाब रोडवेज (PRTC) के अधिकारियों को शिकायतें मिली हैं कि एक ही आधार नंबर पर कई महिलाओं ने अलग-अलग कार्ड तैयार करवा लिए, जिससे प्रदेश से बाहर की महिलाएं भी इस सुविधा का लाभ उठा रही थीं।
Read This Too-पंजाब के युवाओं के लिए आई बड़ी खबर, आज शाम 5 बजे तक करना होगा जरूरी काम-वरना चूक जाएगा मौका
PRTC के सीनियर अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि कंडक्टरों के पास आधार की असली या नकली पहचान की कोई सुविधा नहीं होती। जब कंडक्टर गलत कार्ड पर सवाल उठाते हैं तो महिलाएं बस में बहस करने लगती हैं। इससे रोज़ाना सेवा संचालन में दिक्कतें आ रही थीं।
अब सिर्फ पंजाब की महिलाओं को मिलेगा लाभ
गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए PRTC अब RFID कार्ड सिस्टम लागू करने जा रहा है। इससे पंजाब के बाहर की महिलाएं फ्री सेवा का लाभ नहीं ले पाएंगी। RFID (Radio Frequency Identification)तकनीक से जारी कार्ड की नकल करना बेहद मुश्किल है और इससे हर महिला की सटीक पहचान सुनिश्चित हो सकेगी।
IT एक्सपर्ट शुभम कुमार का कहना है कि यह तकनीक नकली कार्ड बनवाने की संभावना लगभग खत्म कर देती है। RFID कार्ड को विशेष डिवाइस से स्कैन कर व्यक्ति की पूरी जानकारी ली जा सकती है, जो बसों में भी लागू हो सकेगा।
Read This Too-पंजाब के युवाओं के लिए आई बड़ी खबर, आज शाम 5 बजे तक करना होगा जरूरी काम-वरना चूक जाएगा मौका
सरकार का सख्त रुख, फ्री सेवा पर अब कड़ी निगरानी
सरकार अब यह सुनिश्चित करने जा रही है कि केवल वास्तविक और पात्र पंजाब निवासी महिलाएं ही इस योजना का लाभ ले सकें। PRTC अधिकारियों के मुताबिक वित्तीय नुकसान और गड़बड़ी से बचने के लिए अब हर पहलू को ध्यान में रखकर डिजिटल ट्रैकिंग की जाएगी।
पंजाब सरकार का यह कदम सार्वजनिक संसाधनों की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए अहम साबित होगा। महिलाओं को सुविधा मिलती रहे, लेकिन उसका गलत इस्तेमाल न हो – यही इस फैसले का असली मकसद है।