अंबाला-चंडीगढ़ मेट्रो प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार! अनिल विज बोले – डल चुकी है नींव, अब इंतज़ार है केंद्र की मंज़ूरी का
चंडीगढ़/अंबाला – हरियाणा और पंजाब की साझा राजधानी चंडीगढ़ और अंबाला के बीच मेट्रो सेवा शुरू होने की दिशा में एक बड़ा संकेत मिला है। हरियाणा के ऊर्जा और परिवहन मंत्री अनिल विज ने खुद इस परियोजना की पुष्टि करते हुए कहा है कि मेट्रो की “नींव डल चुकी है” और अब केंद्र सरकार के सहयोग से इसे आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
हाल ही में अनिल विज ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की और मेट्रो परियोजना पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि अंबाला से चंडीगढ़ के बीच मेट्रो रूट, कनेक्टिविटी और तकनीकी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ है।
भीड़ और ट्रैफिक जाम से मिलेगा छुटकारा
अनिल विज ने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब दोनों का कार्यकारी केंद्र है। यहां हर दिन लाखों लोग कामकाज, पढ़ाई और व्यापार के लिए आते-जाते हैं। अंबाला से चंडीगढ़ तक की सड़क पर भारी ट्रैफिक और रोज़ाना जाम की समस्या आम है। ऐसे में मेट्रो सेवा इस पूरे रूट पर एक बड़ा बदलाव ला सकती है। उन्होंने जोर दिया कि मेट्रो लोगों की यात्रा को तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक बना सकती है।
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मोहाली एयरपोर्ट तक मेट्रो का विस्तार संभव
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मेट्रो रूट को मोहाली इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक बढ़ाने की भी योजना है। यह प्रस्ताव यदि साकार होता है तो न केवल एयर ट्रैवल करने वालों को सुविधा मिलेगी, बल्कि पूरे उत्तर भारत को एक मज़बूत और एकीकृत ट्रांजिट नेटवर्क मिल जाएगा। इससे आर्थिक, सामाजिक और व्यावसायिक गतिविधियों को भी तेज़ी मिलेगी।
मेट्रो की तुलना बीज से की, केंद्र से सहयोग की उम्मीद
मंत्री विज ने मेट्रो प्रोजेक्ट की तुलना एक पेड़ लगाने से की। उन्होंने कहा, “हमने नींव रख दी है, जैसे एक बीज बोया जाता है, फिर उसे खाद-पानी देकर पेड़ बनाया जाता है। वैसी ही इस मेट्रो परियोजना की शुरुआत हो चुकी है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस परियोजना को गंभीरता से लेगी और सहयोग देगी।
तीनों सरकारों के समन्वय से बन सकता है बड़ा ट्रांजिट मॉडल
अनिल विज ने स्पष्ट किया कि यह परियोजना केवल हरियाणा सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। चूंकि चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है और पंजाब की भी राजधानी है, इसलिए हरियाणा, पंजाब और केंद्र सरकार – तीनों को मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करना होगा। तभी यह मेट्रो योजना हकीकत में बदल पाएगी।
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नींव पड़ चुकी, अब ज़रूरत है राजनीतिक इच्छाशक्ति की
15 जून को हुई मुलाकात में विज और मनोहर लाल के बीच मेट्रो की संभावनाओं को लेकर सकारात्मक बातचीत हुई। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में अनिल विज ने बताया कि अब ज़रूरत है कि इस प्रोजेक्ट को नीतिगत मंज़ूरी मिले और तकनीकी चरणों को जल्दी आगे बढ़ाया जाए।
क्या कहता है क्षेत्र का जनमत?
स्थानीय लोगों में इस मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर उत्साह है। अंबाला, पंचकूला और मोहाली के लोग लंबे समय से इस तरह की सुविधा की मांग कर रहे हैं। मेट्रो सेवा न केवल सफर को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में निवेश, रोज़गार और बुनियादी ढांचे को भी बढ़ावा देगी।
हरियाणा और पंजाब के लाखों यात्रियों के लिए यह मेट्रो योजना उम्मीद की एक नई किरण बन सकती है। नींव भले ही डल चुकी है, लेकिन अब इस पर कितनी तेज़ी से निर्माण होगा, यह केंद्र और राज्यों के तालमेल पर निर्भर करता है। अगर सब कुछ सही दिशा में चला, तो बहुत जल्द अंबाला से चंडीगढ़ तक मेट्रो की आवाजाही एक हकीकत बन सकती है।
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